भगवान पर विश्वास
विज्ञान और आध्यात्मिक मार्ग Practical रूप से एक दूसरे के पूर्णतः विपरीत है । जहां विज्ञान पहले practical करके फिर उस राह पर चलने का मार्ग बताती है वहीं आध्यात्म पहले भगवान पर विश्वास करके फिर Practical करने का एहसास ज्यादा कराता है।आज हम ऐसी ही एक कहानी की बात करते है जिसमे भगवान पर बढ़ेगा आपका ।
एक गांव में भगवान के दो भगत कुटिया बनाकर रहते थे , भगत भी पक्के हर रोज अपने नियम पालन मर्यादा निभा कर प्रभु भगति में लीन रहते ।
दोनों की भगवान में आस्था गजब की थी ।
एक दिन वे दोनों गांव से बाहर जगंल में प्रभु भगति में लीन थे और गांव में उस दिन खतरनाक तूफान आया ।
उस तूफान में गांव ने सब कुछ उजाड़ कर रख दिया ।
दोनों भगत जब शाम को गांव में आये तो गांव का दृश्य देख कर हक्के बक्के रह गए और मन मे तरह तरह की आशंकाएं उभरने लगी।
एक दूसरे से बोला की लगता है आज हमारा भी सब कुछ लूट गया मुझे लगता है अपनी झोंपड़ी आज उड़ गई है दूसरा बोला , "कुछ भी हो भगवान लाज जरूर रखेंगे "
धीरे धीरे दोनों अपनी अपनी कुटिया की तरफ कदम रख रहे थे ।
जैसे ही दोनों की कुटिया आई दोनों ने जब कुटिया को देखा तो एक उनमें से चिल्ला उठा "लूट गया , बर्बाद हो गया , सब कुछ गया , मैंने भगवान की इतनी भगति की फिर भी भगवान ने मेरी कुटिया नहीं बचाई वह काफी दुःखी था तूफान में उसकी आधी कुटिया उड़ गई थी। काफी क्रोध में आकर बोला आज के बाद कभी भगति नही करूंगा और इतना कह कर निकल पड़ा अनजाने रास्ते पर ।
अब सोच रहे होंगे दूसरा भी उसके साथ ही रवाना हो गया होगा तो आपको बता दूं कि आध्यात्म शुरू ही विश्वास से होता है पहले विश्वास फिर Practical .
ऐसा ही हुआ दूसरा अपनी आधी उड़ी कुटिया को देख कर नाचने लगा उसकी आँखों से आंसू थम नही रहे थे , वह भगवान का शुक्रिया अदा करके कह रहा था, " भगवान आज मान गए कि आप हो आज मैं पूर्णतः मान गया कि आपका अस्तित्व है , यदि आप न होते तो मेरी आधा कुटिया कौन बचाता " ।
उस भगत की भगति से भगवान बहुत खुश हुए और उसे आगे चल कर भगवान की प्राप्ति भी हुई ।
देखिए भगवान कैसे बचाते है लाज भगतो की तूफान में भी बचाई जान भगति की अवश्य देखे
Nice post
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